सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन  बहुत ही महत्वपूर्ण है 2024

सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन  बहुत ही महत्वपूर्ण है. सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन करना ​तप से भी अधिक फल प्रदान करता है. सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन  सभी लिंगों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इनकी पूजा करने से अनेक मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं.

सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन 

सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन

सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन  बहुत ही महत्वपूर्ण है. जिस प्रकार से गंगा सभी नदियों में श्रेष्ठ है, उसी प्रकार से पार्थिव लिंग सभी लिंगों में सर्वश्रेष्ठ है. जैसे सभी व्रतों में शिवरात्रि, सब दैवीय शक्तियों में देवी शक्ति श्रेष्ठ है, वैसे ही सब लिंगों में पार्थिव लिंग श्रेष्ठ है. आइए इस सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन जानते हैं पार्थिव लिंग की पूजा विधि, पूजन सामग्री और महत्व के बारे में.

शिवपुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा का महत्व बताया है।शिवपुराण में लिखा है कि सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। हर दिन पार्थिव पूजन किया जाए तो इस लोक और परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति मिलती है।

शिवालय में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करना चाहिए. उस पवित्र स्थान की मिट्टी से सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन का निर्माण करना चाहिए. इसके लिए आप श्वेत मिट्टी, लाल मिट्टी, पीली मिट्टी या काली मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं. सबसे पहले मिट्टी एकत्र करके उसे गंगाजल से शुद्ध कर लें. फिर उससे पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करें.सावन में पार्थिव लिंग बनाकर शिव पूजन का विशेष पुण्य मिलता है। शिव पुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा का महत्व बताया है।

कलयुग में कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने पार्थिव पूजन शुरू किया था।शिव महापुराण के मुताबिक इस पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र प्राप्ति होती है। मानसिक और शारीरिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।शिवपुराण में लिखा है कि पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। हर दिन पार्थिव पूजन किया जाए तो इस लोक और परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति मिलती है।

पार्थिव शिवलिंग की पूजा सामग्री:- पंचामृत यानि दूध, दही, घी, शक्कर और शहद, वस्त्र, यज्ञोपवीत, चंदन, रोली, अक्षत्, फूल, बेलपत्र, दीप, नैवेद्य, फल, गाय का घी, कपूर आदि.

पार्थिव शिवलिंग पूजा की विधि :- सबसे पहले ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करें और सभी पूजन सामग्री को एकत्र करके उसे गंगाजल से पवित्र कर लें. भूरसि मंत्र से पूजा स्थान की शुद्धि करें. फिर जल संस्कार करें और स्फटिक ​शिला से घेरा बनाएं और क्षेत्र की शुद्धि करें. फिर उसके बाद पार्थिव शिवलिंग की स्थापना करें. भगवान शिव का आह्वान करें और उनको एक आसन पर स्थापित करें और उनके सामने एक आसन पर आप बैठ जाएं.भक्तिपूर्वक पार्थिव शिवलिंग की पूजा करें.

पार्थिव शिवलिंग पूजा की विधि :- सबसे पहले ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करें और सभी पूजन सामग्री को एकत्र करके उसे गंगाजल से पवित्र कर लें. भूरसि मंत्र से पूजा स्थान की शुद्धि करें. फिर जल संस्कार करें और स्फटिक ​शिला से घेरा बनाएं और क्षेत्र की शुद्धि करें. फिर उसके बाद पार्थिव शिवलिंग की स्थापना करें. भगवान शिव का आह्वान करें और उनको एक आसन पर स्थापित करें और उनके सामने एक आसन पर आप बैठ जाएं.भक्तिपूर्वक पार्थिव शिवलिंग की पूजा करें. शिवलिंग विधिवत पूजन करें.

शिवलिंग बनाने के बाद गणेश जी, विष्णु भगवान, नवग्रह और माता पार्वती आदि का आह्वान करना चाहिए। फिर विधिवत तरीके से षोडशोपचार करना चाहिए।

अब आप पंचामृत यानि दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर शिव जी को वस्त्र और यज्ञोपवीत अर्पित करें. चंदन, रोली, अक्षत्, फूल और बेलपत्र अर्पित करें. नैवेद्य और फल चढ़ाकर 11 रुद्रों की पूजा करें. उसके बाद पुरोहित को दक्षिणा दें. हर, महेश्वर, शंभू, शूल-पाणि, पिनाकधारी, शिव, पशुपति, महादेव, गिरिजापति आदि नामों से पार्थिव शिवलिंग की पूजा करें. उसके बाद आरती करें. फिर पार्थिव शिवलिंग की परिक्रमा करें और भगवान शिव को प्रणाम करें. पंचाक्षर मंत्र से विधिवत पूजन करें. ​

पार्थिव शिवलिंग पूजा के फायदे-जो व्यक्ति भगवान शिव का पार्थिव लिंग बनाकर प्रतिदिन निष्काम भाव से शिवलिंग की पूजा करता है उसे  धन, वैभव, आयु, लक्ष्मी और मुक्ति मिल जाती है.हर दिन पार्थिव पूजन किया जाए तो इस लोक और परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति मिलती है।

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